India @75: आज़ाद भारत की यह  बड़ी उपलब्धिया जिनको जानकर आपको होगा गौरव का एहसास |

हमारा प्यारा भारत आज़ादी की 75वी वर्षगांठ India @75 मना रहा है | यह 75 वर्षो का सफर ही अपने आप में काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है | अगर हम बीते 75 सालों के सफर पर गौर करे तो हमने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया भी है | 

आज जब हम भारत के इतिहास को देखते है तो हमें यह एहसास ज़रूर होता है की हम वर्तमान में काफी आगे निकल आये है और हमारा भविष्य अत्यंत सुनहरा है | 

इन 75 सालों में हमारे देश ने काफी उपलब्धियाँ अर्जित की है, आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम यह जानेंगे की इन 75 सालो में भारत का सफर कैसा रहा है और भारत भविष्य में और क्या क्या नयी उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है.

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी जी का संबोधन

लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी जी का संबोधन

15 अगस्त पर राष्ट्र के नाम सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने काफी कुछ बातें कही लेकिन एक बात जो की सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय बानी है वह है भारत को आने वाले 25 वर्षो में विकासशील से विकसित देशो की सूचि में लाना | 

इस बात को लेकर देश में मोदी जी की एक तरफ काफी तारीफ हो रही है वही देश में एक दूसरा वर्ग भी है जो मोदी जी की इस बात को लेकर सकारात्मक नही है, उनके अनुसार देश को सिर्फ 25 वर्षो में विकासशील से विकसित देश बनाना बेहद कठिन है और इसके लिए देश को शिक्षा, स्वास्थ, रोज़गार जैसे अहम विषयो पर काफी ज़ोर देना होगा | इसके साथ साथ देश को निरंतर 10 फीसद के आस पास की विकास दर को बनाकर रखना होगा 

आज भारत अनाज के मामले में आत्मनिर्भर

भारत अनाज के मामले में आत्मनिर्भर

आज़ादी से पहले भारत को न सिर्फ लूटा गया था बल्कि हमारी हालत ऐसी थी की हमारे देश में लोगो के खाने के लिए पर्याप्त अनाज भी नहीं हुआ करता था इसके कारण अंग्रेजी साशन काल के 200 वर्षो में भारत में अनगिनत अकाल पड़े जिसमे 85 करोड़ से ज़ादा लोगो की मृत्यु हो गयी | 

आज़ादी के बाद भी भारत काफी वर्षो तक भयावह खाद्य संकट से जूझता रहा और यही कारण था की हमें घटिया क्वालिटी का गेहू अमेरिका और रूस से लेना पड़ता था | 

लेकिन 60 के दशक में आयी हरित क्रान्ति के बाद से ही भारत खाद्य आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर बन गया | 

आज के दौर में देखा जाए तो भारत आज अपने लोगो के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज उत्पन्न तो करता ही है इसके साथ साथ दूसरे देशो को अनाज आयात भी करता है | 

भारत अंतरिक्ष में महाशक्ति

GSLV Launch Vehicle by ISRO

आज़ादी के बाद से ही हमारे देश के दूरदर्शी नेताओ जैसे नेहरू एवं पटेल का सपना था की भारत विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढे इसको लेकर नेहरू जी ने देश में उस समय बड़े वैज्ञानिको को काफी सराहा और उनके काम को प्रोत्साहित भी किया | इसके कारण भारत में विज्ञान को लेकर काफी जागरूकता भी आयी | 

1969 में ISRO की स्थापना के बाद से हे भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी प्रगति की है | 

अपने पहले सॅटॅलाइट आर्यभट्ट के अंतरिक्ष में स्थापित करने से लेकर अपने प्रथम प्रयास में मंगल पर पहुंचने तक भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी सफलताए अर्जित की है | 

विश्व की परमाणु शक्तियों में से एक

Successful pokhran nuclear test

भारत आज के समय में कुछ गिनी चुनी परमाणु शक्तियों में गिना जाता है | भारत का परमाणु कार्यक्रम शान्तिपूर्णा और प्रगति के लिए है जिसके चलते भारत अपनी ऊर्जा ज़रुरत का एक बड़ा हिस्सा परमाणु शक्ति से बनता है | 

वही आज भारत परमाणु शक्ति का इस्तेमाल बिजली बनाने के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी करता है | भारत आज का मिसाइल प्रोग्राम दुनिया के सबसे बेहतर मिसाइल प्रोग्राम की श्रेणी में गिना जाता है जिसकी मारक क्षमता एशिया से लेकर यूरोप तक है लेकिन भारत इस मामले में “नो फर्स्ट यूज पालिसी का’ पालन करता है | 

विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती अर्थव्यवस्था

अंग्रेज़ो ने भारत पर 200 वर्षो से अधिक समय तक भारत पर साशन किया जिसके परिणामस्वरूप देश से 45

 ट्रिलियन डॉलर जितना धन लूटा और देश को गरीबी और भुखमरी की हालत में छोड़ गए | 

आज़ादी के बाद भी भारत तेज़ी से विकास नहीं कर पा रहा था लेकिन 1991 की LPG पालिसी के बाद से हे भारत ने तेज़ी से अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोला और बिज़नेस फ्रेंडली पॉलिसीज के कारण भारत तेज़ी से विकास भी करा | 

अगर हम नॉमिनल जीडीपी की बात करे तो लगबघ 3 ट्रिलियन के साथ आज भारत दुनिया की 6ठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है वही दूसरी तरफ अगर पर्चेसिंग पावर पैरिटी की बात करे तो भारत 10 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है | 

आईटी और मेडिकल के क्षेत्र की एक बड़ी ताक़त है भारत

आज भारत दूसरे छेत्रो के साथ साथ आईटी और मेडिकल के क्षेत्रो में भी दुनिया की एक बड़ी शक्ति है | 

क्या आपको पता है की भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा डॉक्टर्स और इंजीनर्स दुनिया को देता है जो की सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशो में भी अपनी काबिलयत का लोहा मनवा चुके है | 

चाहे माइक्रोसॉफ्ट हो या गूगल आपको हर बड़ी कंपनी का सीईओ भारतीय या फिर भारतीय मूल का हे मिलेगा | 

इसी प्रकार भारत की खुद की आईटी और मेडिकल इंडस्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्रीज में से एक है | 

 भारत की मेडिकल इंडस्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी और विकसित है और यही कारण है की भारत को “फार्मेसी ऑफ़ थे वर्ल्ड “ भी कहा जाता है | 

कोरोना काल में भारत की दवाइयों और वैक्सीन्स ने भारत में ही नहीं दुनिया भर में करोडो लोगो की ज़िंदगिया बचाई है | 

विश्व का सबसे डिजिटलाइज़्ड देश

आपको जानकर हैरानी होगी की भारत उन् देशो में गिना जाता है जहाँ  digitalisation का स्तर सबसे अधिक है | 

अगर आप विश्व के दूसरे देशो से भारत की तुलना करोगे तो आप यह पाओगे की भारत में कालिंग और इंटरनेट की कीमतें दुनिया में सबसे काम है जिसके कारण भारत के लघबघ हर व्यक्ति के पास आज इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है जिसके कारण भारत में 2016 के बाद से ही एक डिजिटल इकॉनमी का जन्म हुआ है | 

चाहे वह बैंकिंग हो या कोई और क्षेत्र भारत की डिजिटल इकॉनमी और डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूपीआई का लोहा पूरी दुनिया मानती है और ऐसा कोई भी सिस्टम अमेरिका यूरोप जापान जैसे विकसित देशो के पास भी नहीं है | 

निष्कर्ष

अगर हम भारत के इतिहास को उठाकर देखे तो हम यह पाएंगे की हमारा देश कभी एक समय पर विश्व की महाशक्ति हुआ करता था और लोग इसको “सोने की चिड़िया” भी कहा करते थे | 

हज़ारो सालों के विदेशी हमलो और लूट के बाद भी यह देश आज भी अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सफल रहा है और इसके साथ साथ फिर से अपनी खोई हुए गरिमा को हासिल करने के लिए विश्व पटल पर संघर्ष कर रहा है | 

आज के नए युग के भारत को बनाने के लिए हमारे देश के हज़ारो स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया है | 

अब यह नयी पीढ़ी का दायित्व है की जिन भी लोगो ने हमारे देश की आज़ादी के लिए अपना बलिदान दिया उनके सपनो को सच करने के लिए निरंतर प्रयास करे | 

इस समय हमारा देश ऐसी स्थति में है जहाँ हमारे सामने एक सुनहरा भविष्य तो है लेकिन उसके मध्य कुछ अहम चुनौतियां भी है जिससे हमें पार पाना होगा | 

भविष्य आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, ग्रीन एनर्जी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रो में है और अगर हम इन सब क्षेत्रो में आगे निकलते है तोह निश्चित तौर से भारत विश्व के उच्चतम शिखर पर होगा | 

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