GST on House Rent : अभी हाल ही में कुछ ऐसी खबरें निकल कर आई जिन्होने भारतीय माध्यम वर्ग को विचलित एवं परेशान कर दिया | इसका सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है की सरकार अब मकान के किराए पर भी 18% GST चार्ज करेगी जिसके कारण भारतीय मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी संख्या जो की शहरों में किराए पर रहती है उनके अंदर सरकार के इस निर्णय को लेकर काफी नाराज़गी है | किराए पर रहने वाले लोगो के ऊपर 18% GST लगेगा, इस खबर को लेकर सरकार ने अहम जानकारी दी है | सरकार ने GST ON RENTS के ऊपर स्पटष्टीकरण देते हुए मकानों के किराए पर 18% GST लगने वाली खबर को भ्रामक बताया है | दरअसल बीते कुछ दिनों से देश के काफी सारे मीडिया संस्थानों द्वारा एक खबर चलाई जा रही थी जिसके अनुसार भारत सरकार अब रेसिडेंशियल हाउसेस के ऊपर भी 18% जीएसटी लगाने वाली है | इस खबर के बाहर आते ही देश में लोगो द्वारा और विपक्ष के द्वारा सरकार की आलोचना शुरू कर दी गयी जिसके बाद हे सरकार ने भी इस खबर को लेकर अपना स्पष्टीकरण जारी किया है | सिर्फ इन लोगों को देना होगा GST on House Rent सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB)के फैक्ट चेक के अनुसार, सिर्फ कमर्शियल यूनिट को किराए पर लेने पर हे 18% GST देना होगा और इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति किसी रेजिडेंशियल यूनिट को कमर्शियल तरीके से इस्तेमाल में लेगा तो भी उसे 18% की दर से GST अदा करना होगा | क्या थे पुराने नियम? 18 जुलाई से पहले किसी भी कमर्शियल प्रॉपर्टी को रेंट या लीज पर देने पर 18% GST लगता था | वही दूसरी तरफ अगर कोई रेसीडेंशल प्रॉपर्टी को चाहे कोई पर्सनल इस्तेमाल या फिर कमर्शियल इस्तेमाल के लिए लेता था तो उसपर कोई GST नहीं लगता था | लेकिन 18 जुलाई से सरकार ने इन नियमो में बदलाव करा है जिसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति व्यावसायिक कारणों से रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी को किराए पर लेता है तो उसे अब कमर्शियल प्रॉपर्टी की तरह हे 18% GST देना होगा | ये भी पढ़े-संसद में दी गयी एक ऐसी जानकारी जो देश के लिए है बहुत अच्छी खबर: Fake Currency में आयी 80% की गिरावट |
Fake Currency: संसद में दी गयी एक ऐसी जानकारी जो देश के लिए है अच्छी खबर
देश में fake currency या नकली मुद्रा को लेकर एक अहम् जानकारी सामने आयी है | केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद के सामने जानकारी देते हुए बताया भारत में जाली मुद्रा की कीमतों में भारी गिरावट आयी है | पंकज चौधरी जी के अनुसार साल 2016-17 के मुक़ाबले जाली नोटों की कीमतों में 80% से अधिक की गिरावट आयी है | उनके अनुसार 2016-17 में 43.47 करोड़ रुपए की फेक करेंसी जब्त की गई थी, जबकि साल 2021-22 में 8.26 करोड़ रुपए की नकली करेंसी ही जब्त हुई है. पकंज चौधरी के बयान के मुताबिक, 2016-17 के बीच अबतक जाली मुद्रा की जब्ती में 80 फीसदी की गिरावट देखने को मिल गई है | उन्होंने बताया की अलग अलग लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज के द्वारा की गयी विभिन्न कार्यवाहियों के कारण नकली नोटों की संख्या में गिरावट आ रही है | मंत्री जी ने नोटेबंदी के कदम को सही बताते हुए कहा की जब से विमुद्रीकरण की प्रक्रिया को किया गया है उसके बाद से ही नकली नोटों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है | और इस साल यह गिरावट अब तक के सबसे निचले स्तर पर है | Fake Currency / नकली नोटों की संख्या में आयी भारी कमी | मंत्री जी ने बताया है की नोटबंदी का सबसे बड़ा लाभ नकली नोटों पर लगाम लगाने में मिला है जिनकी संख्या में अब तक 80% तक की ज़्यादा कमी आयी है | इस विषय पर मंत्री जी ने बांग्लादेश के रास्ते से होने वाली जाली नोटों की तस्करी के बारे में बताते हुए कहा की भारत और बांग्लादेश जॉइंट टास्क फाॅर्स जाली नोटों की तस्करी को रोकने के लिए कार्य कर रही है | भारत बांग्लादेश ने टास्क फाॅर्स बनाया है | आपको बता दें की भारत और बांग्लादेश ने एक MOU के माध्यम से जॉइंट टास्क फाॅर्स का गठन किया है जो की दोनों देशो में चल रहे जाली नोटों के कारोबार पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है | इस कदम को भारत बांग्लादेश के नकली करेंसी की रोकथाम के लिए किये जा रहे साझा प्रयास के रूप में देखा जा रहा है | किन रास्तो के ज़रिये होता है जाली नोटों का कारोबार ? आपको बता दें की भारतीय जाली नोटों का सबसे बड़ा केंद्र पाकिस्तान है | यह जाली नोट फिर बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते से भारत में सप्लाई किये जाते है | कुछ दशकों में पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास मालदा जिला जाली करेंसी के एक केंद्र के रूप में उभरा है | जाली मुद्रा के नुकसान | फेक करेंसी से देश को विभिन्न्न तरीको से नुक्सान होता है जैसे जाली करेंसी के इस्तेमाल से देश की आर्थिक स्तिथि को सीधा नुक्सान होता है इससे मुद्रास्फीति बढ़ जाती है। इसके अलावा जाली मुद्रा का इस्तेमाल आतंकवाद, भ्रष्टाचार, देह व्यापार, मानव तस्करी आदि अपराधों में किया जाता है |